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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को सड़क सुरक्षा माह की तैयारियों पर बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने प्रदेश के सभी ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने और सड़क पर सुरक्षित आवागमन के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए। कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 18 जनवरी से 17 फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाने का निर्णय लिया है। कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आम जनता के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी जाएगी। सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम और गुड स्मार्टियन अथवा नेक व्यक्ति के बारे में लोगों में जागरूकता लाने पर विशेष बल दिया जाए। गुड स्मार्टियन वह व्यक्ति होता है, जो नि:स्वार्थ भाव से दुर्घटना में घायल व्यक्ति की अपातकालीन देखभाल या मदद करता है। भारत सरकार ने सितंबर 2020 में मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन कर गुड स्मार्टियन को अधिकार दिए हैं।
कहा कि लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने को उपयुक्त मीडिया अभियान तैयार किया जाना चाहिए। प्रिंट, डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। रेडियो पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों के साथ टॉक-शो होने चाहिए। विद्यार्थियों के लिए चित्रकला, निबंध व नारा लेखन प्रतियोगिताएं करवाने पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री 18 जनवरी को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
राजनीतिक प्रतिनिधियों की भी होगी सहभागिता
जयराम ने कहा कि सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता के लिए पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के नव निर्वाचित प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। व्यावसायिक वाहनों और स्कूलों के वाहन चालकों को उन्मुखीकरण कार्यक्रम करवाए जाएं। लोक निर्माण विभाग और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के ठेकेदारों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएं। व्यावसायिक वाहनों के चालकों के लिए नेत्र जांच शिविर लगाए जाने चाहिए। उन्होंने परिवहन विभाग को वाहन चालक प्रशिक्षण स्कूलों और प्रशिक्षणार्थियों को वाहन चालक लाइसेंस लेने की उचित प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने को विशेष कार्यशाला लगाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को सड़क सुरक्षा माह की तैयारियों पर बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने प्रदेश के सभी ड्राइविंग लाइसेंस धारकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने और सड़क पर सुरक्षित आवागमन के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए। कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 18 जनवरी से 17 फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाने का निर्णय लिया है। कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आम जनता के साथ स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी जाएगी। सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम और गुड स्मार्टियन अथवा नेक व्यक्ति के बारे में लोगों में जागरूकता लाने पर विशेष बल दिया जाए। गुड स्मार्टियन वह व्यक्ति होता है, जो नि:स्वार्थ भाव से दुर्घटना में घायल व्यक्ति की अपातकालीन देखभाल या मदद करता है। भारत सरकार ने सितंबर 2020 में मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन कर गुड स्मार्टियन को अधिकार दिए हैं।
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कहा कि लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने को उपयुक्त मीडिया अभियान तैयार किया जाना चाहिए। प्रिंट, डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। रेडियो पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों के साथ टॉक-शो होने चाहिए। विद्यार्थियों के लिए चित्रकला, निबंध व नारा लेखन प्रतियोगिताएं करवाने पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री 18 जनवरी को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
राजनीतिक प्रतिनिधियों की भी होगी सहभागिता
जयराम ने कहा कि सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता के लिए पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के नव निर्वाचित प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। व्यावसायिक वाहनों और स्कूलों के वाहन चालकों को उन्मुखीकरण कार्यक्रम करवाए जाएं। लोक निर्माण विभाग और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के ठेकेदारों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएं। व्यावसायिक वाहनों के चालकों के लिए नेत्र जांच शिविर लगाए जाने चाहिए। उन्होंने परिवहन विभाग को वाहन चालक प्रशिक्षण स्कूलों और प्रशिक्षणार्थियों को वाहन चालक लाइसेंस लेने की उचित प्रक्रिया के बारे में जागरूक करने को विशेष कार्यशाला लगाने के निर्देश दिए।
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