delhi metro people battling in long queue from station to platform, boarding in train is like a dream come true
मेट्रो... स्टेशन से प्लैटफॉर्म तक लंबी लाइनों में जूझते लोग, ट्रेन में चढ़ना सपना पूरे होने जैसा
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Delhi Metro News: कोरोना के चलते दिल्ली मेट्रो ने कुछ पाबंदियां लागू की हैं। वैसे तो ये पाबंदियां लोगों की सहूलियत के लिए है, लेकिन आलम कुछ ऐसा है कि ये लोगों के लिए आफत बन गई हैं। समझिए कैसे...
मेट्रो... स्टेशन से प्लैटफॉर्म तक लंबी लाइनों में जूझते लोग, ट्रेन में चढ़ना सपना पूरे होने जैसा
कोविड की वजह से लगे प्रतिबंधों का सबसे अधिक खामियाजा मेट्रो के पैसेंजरों को भुगतना पड़ रहा है। मेट्रो में सीटों के मुकाबले आधे यात्रियों को सफर की अनुमति की वजह से सफर से कहीं अधिक समय प्लैटफॉर्म तक पहुंचने में लग रहा है। कुछ जगह तो यात्री को सफर में जितना समय लगता है, उससे दोगुना समय प्लैटफॉर्म तक पहुंचने में लग जाता है। एनबीटी की टीम ने सोमवार को तीन अलग-अलग लाइनों पर सफर करके हालात समझने की कोशिश की।
पूनम गौड़ ने मजेंटा लाइन, शम्से आलम ने रेड लाइन और प्रियंका सिंह ने ब्लू लाइन पर सफर किया।
पालम से हौजखास: 18 मिनट का सफर, 35 मिनट इंतजार
8.50AM : स्टेशन के बाहर
हम पालम मेट्रो स्टेशन के बाहर थे। पैसेंजरों की लंबी लाइनें थीं, जो कभी रुक जातीं और फिर थोड़ी आगे बढ़ती थीं। पता चला कि यहां महिला और पुरुषों के लिए अलग लाइनें हैं। हम महिलाओं की लाइन में लगे। पुरुषों के मुकाबले में यह लाइन काफी छोटी थी। इसके बावजूद हमें करीब 20 मिनट का समय प्लैटफॉर्म तक पहुंचने में लग गया। स्टेशन के बाहर न छाया का इंतजाम था न तबियत बिगड़ने पर बैठने की व्यवस्था। एंट्री गेट पर ई-रिक्शा चालक और पानी वाले खड़े थे।
9.11 AM : प्लैटफॉर्म पर
इस लाइन की मेट्रो, जनकपुरी वेस्ट से शुरू होकर पालम तक पहुंचने से पहले कुछ स्टेशनों पर रुकती है। लिहाजा जब तक पालम स्टेशन पर ये ट्रेन पहुंची, तो अधिकतर सीटें भरी हुई थीं। सुरक्षा गार्ड ने ट्रेन में सिर्फ तीन लोगों को सवार होने की इजाजत दी। हमें फिर रुकना पड़ा और इस तरह से दो ट्रेनों के जाने के लगभग 15 मिनट बाद तीसरी ट्रेन आई, जिसमें जाने की इजाजत मिली।
9.25 AM : मेट्रो में
ट्रेन के अंदर यात्रियों की अधिक भीड़भाड़ नहीं थी और एक-एक सीट छोड़कर ही यात्री बैठे थे। हालांकि रास्ते में यात्री ट्रेन से उतरते भी रहे और चढ़ते भी रहे, लेकिन ट्रेन में खड़े होकर सफर करने वालों की संख्या लगभग शून्य ही थी। ट्रेन करीब 9.43 बजे हौजखास स्टेशन पर पहुंची। इस तरह 18 मिनट के सफर के लिए 35 मिनट कतारों में इंतजार करना पड़ा।
जनकपुरी वेस्ट से राजीव चौक: 30 मिनट का सफर 50 मिनट में
10.08 AM : स्टेशन के बाहर
इस स्टेशन पर सिर्फ गेट नंबर दो से ही यात्रियों को जाने की अनुमति है। स्टेशन के बाहर यात्रियों की कतार बस स्टैंड तक पहुंच गई थी। कतार में धीरे-धीरे बढ़ने हुए और स्टेशन में एंट्री करने में 10 मिनट का वक्त लगा। अंदर पहुंचते ही पता चला कि प्लैटफॉर्म तक जाने के लिए फिर से कतार में लगना होगा।
10.18 AM : प्लैटफॉर्म के लिए
प्लैटफॉर्म की सीढ़ियों के पास ही गार्ड खड़े थे और सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से यात्रियों को दूर-दूर खड़ा किया जा रहा था। लगभग तीन मिनट इंतजार करना पड़ा। जब हम प्लैटफॉर्म पर पहुंचे, उस वक्त 10.21 हो गए थे। यानी 13 मिनट का वक्त बीत गया था।
10.23 AM : महिला कोच में मिली जगह
द्वारका से वैशाली जाने वाली ट्रेन आई, लेकिन उसमें जगह नहीं थी। महिला कोच में सीट थी इसलिए हमें जाने की इजाजत मिल गई। मेरे साथ प्लैटफॉर्म पर आए ज्यादा लोग खड़े ही रहे। जब मेट्रो रमेश नगर स्टेशन पर पहुंची तो कुछ स्टेशनों से महिला यात्री, महिला कोच में पहुंच तो गईं, लेकिन सीट न होने की वजह से वे खड़े होकर ही यात्रा कर रही थीं। सामान्य कोचों में बेहद कम संख्या में ही यात्री खड़े होकर यात्रा कर रहे थे। रमेश नगर के पास ट्रेन में कुछ सेकंड के लिए तकनीकी दिक्कत आई, इसके बाद ट्रेन स्टेशनों के अलावा कहीं नहीं रुकी और 10.58 बजे राजीव चौक पहुंची।
रिठाला से कश्मीरी गेट: 25 मिनट का सफर, उतना ही इंतजार
9.45 AM : स्टेशन के बाहर
जब हम स्टेशन पहुंचे, तो पहले ही लंबी लाइनें लगी थीं। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग लाइन थी और सिक्योरिटी गार्ड हर तीन से पांच मिनट के अंतराल पर 15 पैसेंजर्स को एंट्री दे रहे थे। हमारे पहुंचने के बाद एंट्री बंद कर दी गई। बताया गया कि स्टेशन के अंदर अधिक यात्री पहुंच चुके हैं, इसलिए एंट्री रोकी गई है। स्टेशन के बाहर कतार लगभग 800 मीटर लंबी हो गई। 9.54 पर फिर एंट्री शुरू हुई। लगभग 15 मिनट बाद हम भी स्टेशन में एंट्री करने में कामयाब हो गए।
10.09AM : प्लैटफॉर्म के लिए
अंदर प्लैटफॉर्म तक पहुंचने में दिक्कत नहीं हुई और वहां पहुंचते ही ट्रेन आ गई। चूंकि इस लाइन का यही पहला स्टेशन है और यहीं से ट्रेन का सफर शुरू होता है, इसलिए पहली ट्रेन में ही एंट्री हो गई।
10.10 AM : सफर शुरू
मेट्रो ट्रेन रवाना हुई और लगभग 25 मिनट बाद ये ट्रेन कश्मीरी गेट पहुंच गई। हालांकि ट्रेन का सफर तो 25 मिनट का ही रहा, लेकिन स्टेशन के गेट से ट्रेन तक पहुंचने में ही 25 मिनट लग गए।
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