कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर का सामना कर रहे अपने देश में इन दिनों तीसरी लहर की चर्चा जोरों पर है। मीडिया हो या राज्य सरकारें या फिर नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) जैसी संस्था, सभी अलग-अलग अंदाज में कह रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक होगी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 राज्यों के कलेक्टरों से बच्चों में कोरोना से जुड़ा डेटा जमा करने को कहा है। | Coronavirus Third Wave In India and Children चिंता की इस चर्चा में तब यू-टर्न आ गया जब 22 मई को बच्चों के डॉक्टरों से सबसे बड़े संगठन IAP और 24 मई सरकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल और AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस बात के सबूत नहीं कि तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक होगी।