bull market is nowhere near its peak says rakesh jhunjhunwala
Rakesh Jhunjhunwala News: अभी कितना ऊपर जाएगा शेयर बाजार, राकेश झुनझुनवाला ने बताया
Authored by
Chiranjivi Chakraborty | Edited byदिल प्रकाश | इकनॉमिकटाइम्स.कॉम | Updated: 19 Jul 2021, 10:04:00 AM
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शेयर बाजार मार्च 2020 में कई साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था लेकिन इसके बाद से यह दोगुना से ज्यादा बढ़ चुका है। राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का कहना है कि शेयर बाजार में जारी तेजी लंबे समय तक जारी रहेगी और 1990 के दशक की शुरुआत की तरह फुस्स नहीं हो जाएगी।
हाइलाइट्स
झुनझुनवाला के मुताबिक शेयर बाजार में तेजी लंबे समय तक जारी रहेगी
यह 1990 के दशक की शुरुआत में आई तेजी की तरह फुस्स नहीं होगी
जैसे 1920 का दशक अमेरिका था वैसे ही 2020 का दशक भारत का होगा
मुंबई
अरबपति इनवेस्टर राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) का कहना है कि शेयर बाजार में तेजी लंबे समय तक जारी रहेगी और 1990 के दशक की शुरुआत की तरह फुस्स नहीं हो जाएगी। 1991-92 में घरेलू शेयर बाजार में काफी तेजी आई थी लेकिन फिर इसमें तेज गिरावट आई थी। झुनझुनवाला ने उसी दौरान शेयर बाजार में अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने कहा कि इस बार शेयर बाजार में निकट भविष्य में उस तरह की गिरावट की आशंका नहीं है।
शेयर बाजार में 1992 में आई तेजी को भारतीय कैपिटल मार्केट के इतिहास की सबसे आक्रामक तेजी माना जाता है। लेकिन हर्षद मेहता घोटाले के खुलासे के बाद यह धराशाई हो गया था। इस घोटाले ने देश के वित्तीय बाजारों की चूलें हिलाकर रख दी थी। झुनझुनवाला ने मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट के एक कार्यक्रम में कहा, 'देश के अधिकांश लोग शेयर बाजार में आई तेजी पर सवाल उठा रहे हैं, इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं। बाजार ऑल-टाइम हाई पर है और इस पर केवल संदेह किया जा रहा है। इसका जश्न नहीं मनाया जा रहा है।'
कितना ऊपर जाएगा बाजार
शेयर बाजार मार्च 2020 में कई साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था लेकिन इसके बाद से यह दोगुना से ज्यादा बढ़ चुका है। दूसरी ओर पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी में 7 फीसदी से अधिक की गिरावट आई थी। कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं और 90 फीसदी लोगों की आय में गिरावट आई है। यही वजह है कि शेयर मार्केट में आ रही तेजी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
बिग बुल के नाम से मशहूर झुनझुनवाला ने कहा कि शेयर बाजार में जारी तेजी अभी पीक से पहुंच दूर है और यह ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच सकता है। उन्होंने दावा किया कि जैसे 1920 का दशक अमेरिकी इकनॉमी का था वैसे ही 2020 का दशक भारत का है। हालांकि उन्होंने कहा कि आगे इसमें कई जोखिम भी हैं। ग्लोबल इक्विटी में तेजी के रास्ते में सबसे बड़ा जोखिम चीन और ताइवान के बीच भूराजनीनिक विवाद गहराने का है। अगले 20 साल में यह सबसे बड़ा जियोपॉलिटिकल संकट हो सकता है। उन्होंने कहा, 'इस समय मैं डिफेंसिव नहीं हूं।'
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