'मेरा नाम हुमैरा रजाई है, मैं मूलरूप से अफगानिस्तान के गजनी प्रांत के जोगरी की रहने वाली हूं। मैं साल 2006 में तेरह साल की उम्र में ब्रिटेन आ गई थी। मैं अब एक मेडिकल साइंटिस्ट हूं और एक बड़ी फार्मा कंपनी में काम करती हूं। इसके अलावा मैं एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हूं और अफगानिस्तान के हालात पर नजर रखती हूं। | Afghanistan Taliban Crisis Latest News and Update; Hazara Community Girl reaches UK Amid Taliban and Afghanistan situation वो 1998 का दौर था। मुझे धुंधली सी याद है। तालिबान ने सभी हाइवे बंद कर दिए थे। हम हजारा लोगों के गांव तक खाने-पीने का सामान भी नहीं पहुंच पा रहा था। उस साल बहुत से लोग भूख से मर गए थे। हम खाने-पीने के लिए तड़प रहे थे।