कहानी - स्वामी समर्थ रामदास जी के बचपन का नाम नारायण था। उनकी माता की बहुत इच्छा थी कि मैं इसका विवाह कर दूं और घर में एक बहू आ जाए। नारायण बचपन से ही साधुओं की तरह रहने लगे थे। उनका अधिकांश समय ध्यान और पूजन में व्यतीत होता था। | aaj ka jeevan mantra by pandit vijayshankar mehta, family management tips in hindi, motivational story of swami samarth ramdas ji