43 Years Ago The World's First Test Tube Baby Was Born, Two Manchester Scientists Were Successful In Their Attempt After Failing 282 Times
आज का इतिहास:43 साल पहले दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ, 282 बार फेल होने के बाद अपनी कोशिश में सफल हुए थे मैनचेस्टर के दो वैज्ञानिक
4 घंटे पहले
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25 जुलाई 1978 को मैनचेस्टर के डिस्ट्रिक्ट जनरल हॉस्पिटल में रोज के मुकाबले ज्यादा भीड़ थी। हॉस्पिटल में डॉक्टरों के अलावा कई पत्रकार भी मौजूद थे। सभी की नजरें डिलीवरी वार्ड पर टिकी थीं। वार्ड में गायनेकोलॉजिस्ट पैट्रिक स्टेपटो और साइंटिस्ट रॉबर्ट एडवर्ड्स एक ऑपरेशन की तैयारी कर रहे थे। रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे जैसे ही वार्ड से खबर मिली कि “लड़की हुई है”, बाहर खड़े सैकड़ों पत्रकार और लोग खूशी से झूम उठे। अगले दिन अखबारों में खबर छपी- दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म।
शादी के बाद से ही लेस्ली और पीटर ब्राउन पैरेंट्स बनने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन लेस्ली की फेलोपियन ट्यूब्स में कुछ परेशानी थी। इस वजह से लेस्ली मां नहीं बन सकती थीं। लेस्ली मां बनने की सभी उम्मीदें छोड़ चुकी थीं तभी उन्होंने गायनेकोलॉजिस्ट पैट्रिक स्टेपटो के बारे में सुना।
पैट्रिक पिछले एक दशक से साइंटिस्ट रॉबर्ट एडवर्ड्स के साथ मिलकर IVF तकनीक के जरिए प्रेग्नेंसी पर काम कर रहे थे। अब तक दोनों 282 महिलाओं पर IVF तकनीक के जरिए बच्चे पैदा करने का प्रयास कर चुके थे। इनमें से केवल 5 महिलाएं ही प्रेग्नेंट हुई थीं, लेकिन अलग-अलग वजहों से एक भी महिला बच्चे को जन्म नहीं दे सकी थी।
नवंबर 1977 में एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर लेस्ली और पीटर पर भी IVF तकनीक का ट्रायल शुरू हुआ। दोनों के स्पर्म और एग को मिलाकर लैब में ही एक भ्रूण बनाया गया। इस भ्रूण को लेस्ली के गर्भाशय में इम्प्लांट किया गया। जब लेस्ली प्रेग्नेंट थीं तब ही इस मामले ने मीडिया में खूब सुर्खियां बंटोरीं और विवाद भी हुआ।
25 जुलाई 1978 को लेस्ली ने बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम लुई रखा गया। चिकित्सा जगत ने इस दिन को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर सेलिब्रेट किया। अखबार, मैग्जीन और टीवी पर लुई छाई रहीं।
दिसंबर 2006 में लुई ने भी बेटे को जन्म दिया।
लेस्ली और पीटर ने कुछ सालों बाद IVF के जरिए एक और बच्चे को जन्म देने का फैसला लिया। दोनों को फिर से एक बेटी हुई जिसका नाम नटाली रखा गया। मई 1999 में नटाली ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसी के साथ नटाली दुनिया की पहली महिला बन गई, जो खुद IVF के जरिए पैदा हुई लेकिन अपने बच्चे को सामान्य तरीके से जन्म दिया था।
IVF के जरिए लुई के इस सफल जन्म ने कई लोगों के पैरेंट्स बनने के सपने को एक नई उम्मीद दी। आज हर साल दुनियाभर में लाखों बच्चे इस तकनीक के जरिए पैदा होते हैं।
1984: अंतरिक्ष में किसी महिला की पहली स्पेस वॉक
अगस्त 1982 में सोवियत संघ की ही स्वेतलाना सवित्स्काया अंतरिक्ष में जाने वाली दूसरी महिला बनीं। आज ही के दिन 1984 में उन्होंने पहली स्पेस वॉक की थी। ऐसा करने वाली वे दुनिया की पहली महिला थीं। स्वेतलाना सवित्स्काया का जन्म 8 अगस्त 1948 को मॉस्को में हुआ था। इनके पिता सोवियत संघ की सेना में पायलट थे।
1966 में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने मॉस्को स्टेट एविएशन इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। 1971 में उन्हें फ्लाइट इंस्ट्रक्टर का लाइसेंस मिला। इसके बाद वे एक निजी विमान निर्माता कंपनी में पायलट बन गईं। जून 1980 में उनका सिलेक्शन एक स्पेस मिशन के लिए हुआ। कठिन प्रशिक्षण के बाद अगस्त 1982 में उन्होंने पहली बार अंतरिक्ष की उड़ान भरी। ये पहला मिशन था जिसमें महिला और पुरुष साथ में अंतरिक्ष में भेजे गए थे।
स्पेसवॉक के दौरान स्वेतलाना सवित्स्काया ।
17 जुलाई 1984 को स्वेतलाना अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना हुईं। इसी मिशन के दौरान 25 जुलाई 1984 को उन्होंने 3 घंटे 35 मिनट तक स्पेस वॉक किया था। किसी महिला द्वारा किया गया ये पहला स्पेस वॉक था।
1943: इटली के तानाशाह मुसोलिनी ने छोड़ा था प्रधानमंत्री का पद
साल 1922। इस साल बेनिटो मुसोलिनी इटली का प्रधानमंत्री बना। प्रधानमंत्री बनते ही उसने सारी शक्तियां अपने हाथों में ले ली और तानाशाह बन बैठा। उसने अपनी विशाल सेना के दम पर ग्रीस, अल्बानिया, इथोपीया जैसे देशों को अपने कब्जे में लेकर दूसरे विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयारी की।
तानाशाह बनने के बाद मुसोलिनी ने एक बड़ी सेना तैयार की। 1934 में सेना कैंप का निरीक्षण करता हुआ मुसोलिनी।
लगातार हो रहे युद्धों की वजह से इटली ने भारी तबाही देखी। नतीजा ये हुआ के इटली की जनता में मुसोलिनी के प्रति भारी असंतोष पैदा हो गया। 25 जुलाई 1943 को इटली की ग्रांड काउंसिल की एक बैठक बुलाई गई।
काउंसिल के ही एक सदस्य डिना ग्रांडी ने कहा कि मुसोलिनी की तानाशाही ने इटली को सैनिक आपदा की कगार पर ला खड़ा किया है और इटली की बड़ी आबादी को बांटने का काम किया है। उन्होेंने प्रस्ताव रखा कि प्रधानमंत्री (मुसोलिनी) को हटाया जाए साथ ही प्रधानमंत्री की कुछ शक्तियों को राजा को ट्रांसफर किया जाए।
बहुमत के आधार पर ये प्रस्ताव काउंसिल से पास हो गया। यानी मुसोलिनी का प्रधानमंत्री पद छोड़ना तय हो चुका था। इसी मीटिंग में मुसोलिनी से इस्तीफा ले लिया गया। मीटिंग से बाहर निकलते ही पुलिस ने मुसोलिनी को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में जर्मन कमांडो ने मुसोलिनी को पुलिस से छुड़ा लिया।
मुसोलिनी इसके बाद वापस सत्ता में आने के लिए अपनी सरकार को उत्तरी इटली से चलाने लगा, लेकिन मित्र देशों की सेना ने 4 जून 1944 को इटली पर कब्जा कर लिया। 28 अप्रैल 1945 को मुसोलिनी की निर्मम हत्या कर दी गई।
25 जुलाई के दिन को इतिहास में और किन-किन वजहों से याद किया जाता है...
2018: इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ को पाकिस्तान के आम चुनावों में सबसे ज्याटा वोट मिले।
2007: प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
2001: बैंडिट क्वीन के नाम से जानी जाने वाली फूलन देवी का निधन हुआ।
2000: एयर फ्रांस की फ्लाइट 4590 पेरिस में क्रैश हो गई। हादसे में 109 यात्री और 4 सड़क पर खड़े लोगों की मौत हुई।
1837: इलेक्ट्रिक टेलीग्राफ के इस्तेमाल का पहली बार सफलता पूर्वक प्रदर्शन।
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