वर्ष कुंडली या ताजिक पद्धति सूर्य के एक वर्ष बाद पुनः अपनी जन्म कुंडली की स्थिति में लौट कर आने पर बनने वाली ग्रह स्थिति के आधार पर आगामी एक वर्ष के फलकथन के लिए प्रयोग की जाने वाली एक ज्योतिषीय तकनीक है। साधारण भाषा में इसे हम ‘वर्ष-फल’ भी कहते हैं, जो की उत्तर […]
हमारे प्राचीन साहित्य उपनिषद, वेद,पुराणों में नर,वानर गिद्ध, ऋक्ष, पन्नग अर्थात सर्प संस्कृतियों का Nag Panchami Know why we do snake worship how snakes are happy - Astrology Today - Hindustan