comparemela.com


दुनिया
अमेरिकी पत्रिका की रिपोर्ट में दावाः दानिश सिद्दीकी की पहचान के बाद तालिबान ने की हत्या
तालिबान ने पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि के बाद उनकी "क्रूरता से हत्या" की थी. यह दावा अमेरिकी पत्रिका की एक रिपोर्ट में किया गया है.
भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी अफगान सुरक्षाबलों के साथ पाकिस्तान से सटी अहम सीमा चौकी के पास तालिबान लड़ाकों के साथ संघर्ष को कवर रहे थे. 16 जुलाई 2021 को उनकी हत्या तालिबान ने "क्रूरता से हत्या" की थी, यह दावा अमेरिकी पत्रिका वॉशिंगटन एग्जामिनर ने अपनी रिपोर्ट में किया है.
गुरुवार को अमेरिकी पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सिद्दीकी अफगानिस्तान में गोलीबारी में फंसकर नहीं मारे गए और ना ही वह इन घटनाओं के दौरान हताहत हुए, बल्कि तालिबान ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी.
वॉशिंगटन एग्जामिनर की रिपोर्ट के अनुसार सिद्दीकी ने अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सेना की टीम के साथ स्पिन बोलदाक क्षेत्र की यात्रा की, ताकि पाकिस्तान के साथ लगी अहम चौकी पर संघर्ष को कवर किया जा सके.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान तालिबान ने अफगान सेना पर हमला कर दिया. सेना के सदस्य दो टीमों में बंट गए. सिद्दीकी और तीन अफगान सैनिक अन्य सैनिकों से अलग हो गए. हमले के दौरान सिद्दीकी को छर्रे लगे और इसलिए वह तथा उनकी टीम एक स्थानीय मस्जिद में गए, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया. हालांकि, जैसे ही यह खबर फैली कि एक पत्रकार मस्जिद में है तालिबान ने हमला कर दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय जांच सुझाव देती है कि तालिबान ने सिर्फ सिद्दीकी की मौजूदगी के कारण मस्जिद पर हमला किया.
तालिबान की क्रूरता
तालिबान ने जब सिद्दीकी को पकड़ा तब वह जिंदा थे, तालिबान ने सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि की और फिर उन्हें और उनके साथ के लोगों को भी मार डाला. सिद्दीकी को बचाने की कोशिश में अफगान कमांडर और उनकी टीम के बाकी सदस्यों की मौत हो गई.
अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में सीनियर फेलो माइकल रूबीन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "व्यापक रूप से प्रसारित एक तस्वीर में सिद्दीकी के चेहरे को पहचानने लायक दिखाया गया है, हालांकि मैंने भारत सरकार के एक सूत्र द्वारा मुझे दी गई गई अन्य तस्वीरों और सिद्दीकी के शव के वीडियो की समीक्षा की, जिसमें दिखा कि तालिबान ने सिद्दीकी के सिर पर हमला किया और फिर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया."
तालिबान जो कहे वही सच!
रूबीन अपनी रिपोर्ट में लिखते हैं, "सिद्दीकी को मारने और फिर उनके शव को क्षत-विक्षत करने का निर्णय दर्शाता है कि तालिबान युद्ध के नियमों या वैश्विक संधियों का सम्मान नहीं करते हैं."
रूबीन कहते हैं कि तालिबान हमेशा से ही क्रूर रहे हैं लेकिन हो सकता है कि सिद्दीकी के भारतीय होने के कारण वे अपनी क्रूरता को एक नए स्तर पर ले गए. वे यह भी संकेत देना चाहते हैं कि पश्चिमी पत्रकारों का उनके नियंत्रण वाले अफगानिस्तान में आना सही नहीं है और वे उम्मीद करते हैं कि तालिबान के प्रचार को सच्चाई के रूप में स्वीकार किया जाएगा.
पुलित्जर विजेता भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत
पुलित्जर से सम्मानित
हाल ही में अफगानिस्तान के बदलते हालातों और हिंसा के अलावा, उन्होंने इराक युद्ध और रोहिंग्या संकट की भी कई यादगार तस्वीरें ली थीं. सन 2010 से समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करने वाले दानिश सिद्दीकी को 2018 में रोहिंग्या की तस्वीरों के लिए ही पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
पुलित्जर विजेता भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत
अफगान बल के साथ
विदेशी सेनाओं के अफगानिस्तान से निकलने और तालिबान के फिर से वहां कब्जा जमाने के इस दौर में हर दिन हिंसक घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में अफगान सुरक्षा बलों के साथ मौजूद पत्रकारों के जत्थे में शामिल सिद्दिकी मरते दम तक अफगानिस्तान से तस्वीरें और खबरें भेजते रहे.
पुलित्जर विजेता भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत
कोरोना की नब्ज पर हाथ
हाल ही में भारत में कोरोना संकट की उनकी ली कई ऐसी तस्वीरें देश और दुनिया के मीडिया में छापी गईं. खुद संक्रमित होने का जोखिम उठाकर वह कोविड वॉर्डों से बीमार लोगों के हालात को कैमरे में कैद करते रहे.
पुलित्जर विजेता भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत
भगवान का रूप डॉक्टर
कोरोना काल में सिद्धीकी की ऐसी कई तस्वीरें आपने समाचारों में देखी होंगी जिसमें एक फोटो पूरी कहानी कहती है. महामारी के समय दानिश सिद्दीकी की ली ऐसी कई तस्वीरें इंसान की दुर्दशा और लाचारी को आंखों के सामने जीवंत करने वाली हैं.
पुलित्जर विजेता भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत
लाशों के ऐसे कई अंबार
जहां एक लाश का सामना किसी आम इंसान को हिला देता है वहीं पत्रकारिता के अपने पेशे में सिद्धीकी ने ना केवल लाशों के अंबार के सामने भी हिम्मत बनाए रखी बल्कि पेशेवर प्रतिबद्धता के बेहद ऊंचे प्रतिमान बनाए. कोरोना की दूसरी लहर के चरम पर दिल्ली के एक श्मशान की फोटो.
पुलित्जर विजेता भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत
कश्मीर पर राजनीति
भारत की केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जब जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष राज्य का दर्जा रद्द कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा, उस समय भी ड्यूटी कर रहे फोटोजर्नलिस्ट सिद्दीकी ने वहां की सच्चाई पूरे विश्व तक पहुंचाई.
पुलित्जर विजेता भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत
सीएए विरोध के वो पल
केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शनों से उनकी खींची ऐसी कई तस्वीरें दर्शकों के मन मानस पर छा गईं थी. जैसे 30 जनवरी 2020 को पुलिस की मौजूदगी में जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर प्रदर्शन करने वालों पर बंदूक तानने वाले इस व्यक्ति की तस्वीर.
पुलित्जर विजेता भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत
समर्पण पर गर्वित परिवार
जामिया यूनिवर्सिटी के शिक्षा विभाग में प्रोफेसर उनके पिता अख्तर सिद्दीकी ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया कि दानिश सिद्दीकी "बहुत समर्पित इंसान थे और मानते थे कि जिस समाज ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है, वह पूरी ईमानदारी से सच्चाई को उन तक पहुंचाए." घटना के समय दानिश सिद्दीकी की पत्नी और बच्चे जर्मनी में छुट्टियां मनाने आए हुए थे.
रिपोर्ट: ऋतिका पाण्डेय
DW.COM

Related Keywords

Germany ,Afghanistan ,United States ,Iraq ,India ,Washington ,God As ,Rajasthan ,Dawa ,North West Frontier ,Pakistan ,Delhi ,Afghan ,American ,Kritika Pandey ,Siddiquea Indian ,Jamia University ,Ii Center ,Reuters ,Jamia Universitya Education Department ,Indiaa Center ,Talibana Afghan Army ,Danish Siddique ,Danish Siddique Afghan ,Washington Examiner ,Her Report ,Siddique Afghanistan ,Afghan Army ,Afghan Commander ,American Enterprise Institute ,Senior Fellow Michael ,Afghan Security ,Jk State ,Special State ,Akhtar Siddique ,Deutsche Welle ,ஜெர்மனி ,ஒன்றுபட்டது மாநிலங்களில் ,இராக் ,இந்தியா ,வாஷிங்டன் ,ராஜஸ்தான் ,தாவா ,வடக்கு மேற்கு எல்லை ,பாக்கிஸ்தான் ,டெல்ஹி ,அமெரிக்கன் ,ஜாமியா பல்கலைக்கழகம் ,ராய்ட்டர்ஸ் ,வாஷிங்டன் பரிசோதகர் ,அமெரிக்கன் நிறுவன நிறுவனம் ,ஜுக் நிலை ,சிறப்பு நிலை ,டாய்ச் வெல்லே ,

© 2024 Vimarsana

comparemela.com © 2020. All Rights Reserved.