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आयकर विभाग ने 2020-21 (असेसमेंट ईयर 2021-22) के लिए आईटीआर भरने की अंतिम तारिख 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दी है। करदाताओं की सुविधा के लिए सात जून, 2021 को नया आयकर पोर्टल भी लॉन्च किया है। हालांकि, अभी इसमें कुछ दिक्कतें हैं।
ऐसे में करदाताओं के लिए जरूरी है कि वे रिटर्न भरने के लिए सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें और उसमें सभी जरूरी जानकारियां दें। अगर आपको वेतन, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, कारोबार या पेशा या ब्याज-लाभांश जैसे दूसरे स्रोतों से कमाई होती है तो रिटर्न भरते समय इनकी भी पूरी जानकारी दें। सभी बैंक खातों का भी खुलासा करें। इसके तहत आईएफएस कोड, बैंक का नाम और खाता नंबर की जानकारी देनी होगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अपडेटेड बैंक खाते में ही रिफंड आता है।
 
विदेशी स्रोत से आय की सूचना दें
विदेशी संपत्ति/ निवेश, विदेश में खाते या विदेशी स्रोत से कमाई की सूचना देना जरूरी है। इसके लिए रिटर्न फॉर्म में शेड्यूल एफए भरें।
पहले से भरे फॉर्म की जांच करें
कैपिटल गेन्स, डिविडेंड, बैंकों और पोस्ट ऑफिस से ब्याज की आय अब आईटीआर में पहले से ही भरे होंगे। इसकी जांच जरूर करें।
31 जनवरी तक कर सकेंगे संशोधन
दाखिल आईटीआर में संशोधन सिर्फ 31 जनवरी, 2022 तक ही कर सकते हैं। इसके बाद संशोधन की अनुमति नहीं होगी।
 
आईटीआर सत्यापन है जरूरी
ऑनलाइन आईटीआर भरने के 120 दिन के भीतर इसे इलेक्ट्रॉनिक या मैनुअल तरीके से सत्यापित जरूर करें। ये है तरीका...
सिग्नेचर सर्टिफिकेट के इस्तेमाल से डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करना
इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के इस्तेमाल से
आधार ओटीपी से
पेपर फॉर्म आईटीआर पोस्ट के जरिए इनकम टैक्स सीपीसी (बंगलूरू) भेजकर
सत्यापन करने में असफल रहते हैं तो रिटर्न को ‘नॉट फाइल्ड’ माना जाएगा
 
सही फॉर्म का करें चुनाव
आईटीआर दाखिल करने के लिए सही फॉर्म चुनना जरूरी है। विभाग ने सात फॉर्म आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-3, आईटीआर-4, आईटीआर-5, आईटीआर-6, आईटीआर-7 जारी किए हैं। गलत फॉर्म भरने पर आपका रिटर्न पूरा नहीं माना जाएगा। सही फॉर्म आयकर विभाग की वेबसाईट से डाउनलोड कर सकते हैं।
नई व्यवस्था चुनते हैं तो...
अगर नई व्यवस्था चुनते हैं तो फॉर्म 10आईई भरने के बाद ही रिटर्न दाखिल करना होगा। अन्यथा धारा 115बीएसी के तहत आप कम टैक्स दर का दावा करने के योग्य नहीं रह जाएंगे।
 
ऊंचे मूल्य वाले लेनदेन भी बताएं
टैक्स विशेषज्ञ अतुल गर्ग का कहना है कि ऊंचे मूल्य के लेनदेन की जानकारी भी आईटीआर में देनी चाहिए। एक लाख रुपये से ज्यादा के बिजली बिल, बैंक खाते में एक करोड़ से ज्यादा जमा रकम, या फिर विदेश में घूमने पर दो लाख रुपये से ज्यादा के खर्च की सूचना भी दें।
विस्तार
आयकर विभाग ने 2020-21 (असेसमेंट ईयर 2021-22) के लिए आईटीआर भरने की अंतिम तारिख 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दी है। करदाताओं की सुविधा के लिए सात जून, 2021 को नया आयकर पोर्टल भी लॉन्च किया है। हालांकि, अभी इसमें कुछ दिक्कतें हैं।
विज्ञापन
ऐसे में करदाताओं के लिए जरूरी है कि वे रिटर्न भरने के लिए सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें और उसमें सभी जरूरी जानकारियां दें। अगर आपको वेतन, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, कारोबार या पेशा या ब्याज-लाभांश जैसे दूसरे स्रोतों से कमाई होती है तो रिटर्न भरते समय इनकी भी पूरी जानकारी दें। सभी बैंक खातों का भी खुलासा करें। इसके तहत आईएफएस कोड, बैंक का नाम और खाता नंबर की जानकारी देनी होगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अपडेटेड बैंक खाते में ही रिफंड आता है।
 
विदेशी स्रोत से आय की सूचना दें
विदेशी संपत्ति/ निवेश, विदेश में खाते या विदेशी स्रोत से कमाई की सूचना देना जरूरी है। इसके लिए रिटर्न फॉर्म में शेड्यूल एफए भरें।
पहले से भरे फॉर्म की जांच करें
कैपिटल गेन्स, डिविडेंड, बैंकों और पोस्ट ऑफिस से ब्याज की आय अब आईटीआर में पहले से ही भरे होंगे। इसकी जांच जरूर करें।
31 जनवरी तक कर सकेंगे संशोधन
दाखिल आईटीआर में संशोधन सिर्फ 31 जनवरी, 2022 तक ही कर सकते हैं। इसके बाद संशोधन की अनुमति नहीं होगी।
 
आईटीआर सत्यापन है जरूरी
ऑनलाइन आईटीआर भरने के 120 दिन के भीतर इसे इलेक्ट्रॉनिक या मैनुअल तरीके से सत्यापित जरूर करें। ये है तरीका...
सिग्नेचर सर्टिफिकेट के इस्तेमाल से डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करना
इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड के इस्तेमाल से
आधार ओटीपी से
पेपर फॉर्म आईटीआर पोस्ट के जरिए इनकम टैक्स सीपीसी (बंगलूरू) भेजकर
सत्यापन करने में असफल रहते हैं तो रिटर्न को ‘नॉट फाइल्ड’ माना जाएगा
 
सही फॉर्म का करें चुनाव
आईटीआर दाखिल करने के लिए सही फॉर्म चुनना जरूरी है। विभाग ने सात फॉर्म आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-3, आईटीआर-4, आईटीआर-5, आईटीआर-6, आईटीआर-7 जारी किए हैं। गलत फॉर्म भरने पर आपका रिटर्न पूरा नहीं माना जाएगा। सही फॉर्म आयकर विभाग की वेबसाईट से डाउनलोड कर सकते हैं।
नई व्यवस्था चुनते हैं तो...
अगर नई व्यवस्था चुनते हैं तो फॉर्म 10आईई भरने के बाद ही रिटर्न दाखिल करना होगा। अन्यथा धारा 115बीएसी के तहत आप कम टैक्स दर का दावा करने के योग्य नहीं रह जाएंगे।
 
ऊंचे मूल्य वाले लेनदेन भी बताएं
टैक्स विशेषज्ञ अतुल गर्ग का कहना है कि ऊंचे मूल्य के लेनदेन की जानकारी भी आईटीआर में देनी चाहिए। एक लाख रुपये से ज्यादा के बिजली बिल, बैंक खाते में एक करोड़ से ज्यादा जमा रकम, या फिर विदेश में घूमने पर दो लाख रुपये से ज्यादा के खर्च की सूचना भी दें।
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