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जम्मू। जीएमसी जम्मू में 100 बिस्तर वाले नए इमरजेंसी ब्लॉक में औपचारिक तौर पर काम शुरू कर दिया है। इससे अस्पताल में आपात बिस्तर की क्षमता बढ़कर 300 हो गई है। आपात बिस्तरों की संख्या बढ़ने से मरीजों को बेहतर आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। इसी तरह 50 बिस्तर वाले सरकारी अस्पताल गंग्याल के शुरू होने से गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र की लाखों की आबादी को अब गांधीनगर ओल्ड अस्पताल और एमसीएच अस्पताल गांधीनगर के साथ इस सरकारी अस्पताल में भी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को जीएमसी के नए इमरजेंसी ब्लॉक और सरकारी अस्पताल गंग्याल का उद्घाटन किया।
जीएमसी जम्मू में वर्तमान में पुराने इमरजेंसी ब्लॉक, रूम नंबर-7 और चार, ओल्ड इमरजेंसी वार्ड, रिकवरी वार्ड, आईसीयू में आपात बिस्तर की क्षमता 200 है, लेकिन नए ब्लॉक के 100 बिस्तर के साथ इसकी क्षमता अब 300 हो गई है। संभाग भर से गंभीर मरीजों को जिला अस्पतालों से जीएमसी में शिफ्ट किया जाता है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए इमरजेंसी ब्लॉक में रखा जाता है। नए इमरजेंसी ब्लॉक में 64 आईसीयू (इंटेसिव केयर यूनिट) बेड और मेडिसिन के इमरजेंसी विभाग के 32 बिस्तर स्थापित किए गए हैं। जिससे गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर के लिए अधिक जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी। कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए 11.50 करोड़ रुपये से निर्मित किए गए नए इमरजेंसी ब्लाक में आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए 4800 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित किया जा रहा है। नए इमरजेंसी ब्लॉक में अधिकांश बेड ऑक्सीजन की सप्लाई और वेंटिलेटर से जुड़े होंगे, जिससे रोगी चिकित्सा देखभाल मजबूत होगी।
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गंग्याल अस्पताल में होंगी ये सुविधाएं
सरकारी अस्पताल गंग्याल के निर्माण पर 20 करोड़ रुपये की लागत आई है। अस्पताल में सामान्य चिकित्सा, सर्जरी, बाल चिकित्सा, स्त्री रोग, हड्डी रोग, ईएनटी सुविधा, दंत चिकित्सा सेवाएं, लैब, ऑपरेशन थियेटर, ब्लड बैंक, आपात सेवाएं और अन्य जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एलजी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करना है। नई स्वास्थ्य सुविधाएं रोगी देखभाल प्रणाली को मजबूत करेंगी। पिछले 11 माह में जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य ढांचे में बड़ा बदलाव लाया गया है। उन्होंने दोनों नवनिर्मित संस्थानों का दौरा कर सुविधाओं का निरीक्षण किया। चिकित्सा बुनियादी ढांचे के विस्तार से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। इस दौरान सलाहकार आरआर भटनागर, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू, जीएमसी की प्रिंसिपल डॉ. शशि सूदन, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रेणू शर्मा भी मौजूद रहीं।
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उद्घाटन नेम प्लेट से राजीव गांधी का नाम न होने से रोष
जम्मू। उप राज्यपाल ने वीरवार को राजीव गांधी अस्पताल में नए 50 बिस्तर वाले भवन का उद्घाटन किया, लेकिन उद्घाटन नेम प्लेट पर राजीव गांधी का नाम नहीं लिखे जाने से कांग्रेसियों ने रोष जताया। जम्मू नगर निगम के पूर्व चेयरमैन एवं कांग्रेस नेता सतीश शर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार के समय तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व राजस्व मंत्री रमण भल्ला ने राजीव गांधी अस्पताल गंग्याल का नींव पत्थर रखा था। लेकिन आज उद्घाटन नेम प्लेट से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम ही हटा दिया गया, जो सरकार की गलत नीतियों को दर्शाता है। सरकार की ओर से औपचारिक तौर पर जिस सरकारी अस्पताल गंग्याल का उद्घाटन किया गया है, जबकि इससे पहले इसका नाम राजीव गांधी अस्पताल एंड एलआरपीयू था। अस्पताल के मुख्यद्वार पर भी यही नाम लिखा गया है। अगर स्वास्थ्य विभाग ने जल्द नेम प्लेट पर राजीव गांधी का नाम नहीं लिखा तो कांग्रेसी प्रदर्शन करेंगे।
जम्मू। जीएमसी जम्मू में 100 बिस्तर वाले नए इमरजेंसी ब्लॉक में औपचारिक तौर पर काम शुरू कर दिया है। इससे अस्पताल में आपात बिस्तर की क्षमता बढ़कर 300 हो गई है। आपात बिस्तरों की संख्या बढ़ने से मरीजों को बेहतर आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। इसी तरह 50 बिस्तर वाले सरकारी अस्पताल गंग्याल के शुरू होने से गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र की लाखों की आबादी को अब गांधीनगर ओल्ड अस्पताल और एमसीएच अस्पताल गांधीनगर के साथ इस सरकारी अस्पताल में भी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरवार को जीएमसी के नए इमरजेंसी ब्लॉक और सरकारी अस्पताल गंग्याल का उद्घाटन किया।
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जीएमसी जम्मू में वर्तमान में पुराने इमरजेंसी ब्लॉक, रूम नंबर-7 और चार, ओल्ड इमरजेंसी वार्ड, रिकवरी वार्ड, आईसीयू में आपात बिस्तर की क्षमता 200 है, लेकिन नए ब्लॉक के 100 बिस्तर के साथ इसकी क्षमता अब 300 हो गई है। संभाग भर से गंभीर मरीजों को जिला अस्पतालों से जीएमसी में शिफ्ट किया जाता है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के लिए इमरजेंसी ब्लॉक में रखा जाता है। नए इमरजेंसी ब्लॉक में 64 आईसीयू (इंटेसिव केयर यूनिट) बेड और मेडिसिन के इमरजेंसी विभाग के 32 बिस्तर स्थापित किए गए हैं। जिससे गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर के लिए अधिक जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी। कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए 11.50 करोड़ रुपये से निर्मित किए गए नए इमरजेंसी ब्लाक में आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए 4800 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित किया जा रहा है। नए इमरजेंसी ब्लॉक में अधिकांश बेड ऑक्सीजन की सप्लाई और वेंटिलेटर से जुड़े होंगे, जिससे रोगी चिकित्सा देखभाल मजबूत होगी।
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गंग्याल अस्पताल में होंगी ये सुविधाएं
सरकारी अस्पताल गंग्याल के निर्माण पर 20 करोड़ रुपये की लागत आई है। अस्पताल में सामान्य चिकित्सा, सर्जरी, बाल चिकित्सा, स्त्री रोग, हड्डी रोग, ईएनटी सुविधा, दंत चिकित्सा सेवाएं, लैब, ऑपरेशन थियेटर, ब्लड बैंक, आपात सेवाएं और अन्य जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एलजी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करना है। नई स्वास्थ्य सुविधाएं रोगी देखभाल प्रणाली को मजबूत करेंगी। पिछले 11 माह में जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य ढांचे में बड़ा बदलाव लाया गया है। उन्होंने दोनों नवनिर्मित संस्थानों का दौरा कर सुविधाओं का निरीक्षण किया। चिकित्सा बुनियादी ढांचे के विस्तार से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। इस दौरान सलाहकार आरआर भटनागर, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू, जीएमसी की प्रिंसिपल डॉ. शशि सूदन, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रेणू शर्मा भी मौजूद रहीं।
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उद्घाटन नेम प्लेट से राजीव गांधी का नाम न होने से रोष
जम्मू। उप राज्यपाल ने वीरवार को राजीव गांधी अस्पताल में नए 50 बिस्तर वाले भवन का उद्घाटन किया, लेकिन उद्घाटन नेम प्लेट पर राजीव गांधी का नाम नहीं लिखे जाने से कांग्रेसियों ने रोष जताया। जम्मू नगर निगम के पूर्व चेयरमैन एवं कांग्रेस नेता सतीश शर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार के समय तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व राजस्व मंत्री रमण भल्ला ने राजीव गांधी अस्पताल गंग्याल का नींव पत्थर रखा था। लेकिन आज उद्घाटन नेम प्लेट से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम ही हटा दिया गया, जो सरकार की गलत नीतियों को दर्शाता है। सरकार की ओर से औपचारिक तौर पर जिस सरकारी अस्पताल गंग्याल का उद्घाटन किया गया है, जबकि इससे पहले इसका नाम राजीव गांधी अस्पताल एंड एलआरपीयू था। अस्पताल के मुख्यद्वार पर भी यही नाम लिखा गया है। अगर स्वास्थ्य विभाग ने जल्द नेम प्लेट पर राजीव गांधी का नाम नहीं लिखा तो कांग्रेसी प्रदर्शन करेंगे।
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